अपभ्रंशकाव्यत्रयी /
सूरी, जिनदत्त.
अपभ्रंशकाव्यत्रयी / जिनदत्त सूरी; सम्पदाक लालचन्द्र भगवानदास गाँधी. - बड़ौदा : ओरियंटल इंस्ट्रीयूट, 1967. - 115 p. ;
SAN1400
Jain poetry, apabhramsa.
891.4108 / Am
अपभ्रंशकाव्यत्रयी / जिनदत्त सूरी; सम्पदाक लालचन्द्र भगवानदास गाँधी. - बड़ौदा : ओरियंटल इंस्ट्रीयूट, 1967. - 115 p. ;
SAN1400
Jain poetry, apabhramsa.
891.4108 / Am